घरो में लगने वाले रंगों में सीसा का इस्तमाल के लिए कानून लागू ।
आजकल हम घरो की सजावट में रंगों का काफी इस्तेमाल करते है, पेंट कंपनिया भी लगातार नए नए किस्म के पेंट्स को बाजार में ला रही है। २००९ के पहले पहले जो इनेमल पेंट (जो की पेंट की एक केटेगरी है) उसमे सीसा का बहोत ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल होता था। यह सीसा काफी खतरनाक हो सकता है, इसे क्यों मिलाते है और इससे क्या हानि हो सकती है इसके बारे में, मैं पहले ही लिख चूका हु, जो निचे की लिंक में विस्तृत है।
http://prashantrajankar.blogspot.in/2016/06/use-lead-safe-paint.html
टॉक्सिक्स लिंक (www.toxicslink.org) संस्था लगातार इस विषय पर अध्ययन कर रही थी, २००६ - २०१६ तक के लगातार प्रयासों से, आखिरकार संस्थान को ये सफलता प्राप्त हुई है, जो की संस्थान और देश के नागरिको एवं नयी पीढ़ी के हिट में है।
पहले देश में रंगों (इनेमल पेंट) में सीसा मिलाने की मात्रा १००० मि ग्रा. / किलो ग्राम. इतनी थी और वो भी अनिवार्य नहीं थी, फिर वो मात्रा ९० मि ग्रा. / किलो ग्राम. पे आयी, और टॉक्सिक्स लिंक संस्था के लगातार प्रयासों पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय (http://envfor.nic.in/) ने २०१६ में यह कानून लागू दिया है, जिसमे ९० मि ग्रा. / किलो ग्राम यह मात्रा अनिवार्य कर दि गयी है।
निचे की लिंक में विस्तृत है।
http://envfor.nic.in/sites/default/files/gazete%20notification_%20lead%20in%20paints.pdf
अब देखना है की पेंट कंपनिया इसको कबसे उपयोग में लती है।
आपका
डॉ. प्रशांत राजनकर
९६५०७४५९००