दोस्तों,
मेरे एक मित्र की संस्था, क़ानूनी नीतियों पे काम करती है ।
वो इस समय फ्लोराइड प्रभावित इलाको, जिसपर किसीका ध्यान नहीं गया है या कम ध्यान गया हो इस तरह की इलाको में फ्लोराइड के ऊपर काम करना चाहती है और सरकार के साथ मिलकर उन इलाको में कुछ काम / मदद करना चाहती है ।
फ्लोराइड यह फ्लोरिन का एक कंपाउंड है, एक रसायन है जो पृथ्वी के गर्भ में पाया जाता है ।
यह फ्लोराइड कई उत्पादों में उपयोग में लय जाता है , जैसे की टूथ पेस्ट
जैसे की मैंने पहले कहा है की यह पृथ्वी के गर्भ में पाया जाता है, कुछ इलाको के ग्राउंड वाटर में इसकी मात्रा बहोत ही ज्यादा पायी जाती है, और ऐसे पानी का इस्तेमाल पिने के लिए करने से शरीर में फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा हो सकती है, जिसके कारन कई तरह की बीमारिया पैदा होती है जिसे फ्लोरोसिस कहते है, इसमें दांतों का पीलापन, हड्डियों में कमजोरी आती है।
पानी में इसकी तय मात्रा - १ मिली ग्राम / ली. है
WHO की रिपोर्ट के लिए यहाँ क्लिक करे FLUORIDE
अगर आपके गाँव में कोई फ्लोराइड से प्रभावित हैं, या आसपास किसी को जानते हैं तो कृपया संपर्क करें | फ्लोराइड प्रभावितों के दांतों में लाल या काले धब्बे से लेकर हड्डियों के कमज़ोर होने के लक्षण देखें जा सकते है | ये ज़्यादातर गाँवों में रहें वालों को ज्यादा प्रभावित करता है जो भू-जल पर अपने पेय-जल के लिए निर्भर रहते है |
अगर आप किसी ऐसे गांव को जानते है तो मुझे निचे दिए कमेंट बॉक्स से संपर्क करे, मैं आपका मुद्दा मेरे दोस्त की संस्था तक पहुंचाऊंगा, हो सकता है की जल्द ही मदद मिल जाये ।
धन्यवाद !
आपका
डॉ. प्रशांत राजनकर
मेरे एक मित्र की संस्था, क़ानूनी नीतियों पे काम करती है ।
वो इस समय फ्लोराइड प्रभावित इलाको, जिसपर किसीका ध्यान नहीं गया है या कम ध्यान गया हो इस तरह की इलाको में फ्लोराइड के ऊपर काम करना चाहती है और सरकार के साथ मिलकर उन इलाको में कुछ काम / मदद करना चाहती है ।
फ्लोराइड यह फ्लोरिन का एक कंपाउंड है, एक रसायन है जो पृथ्वी के गर्भ में पाया जाता है ।
यह फ्लोराइड कई उत्पादों में उपयोग में लय जाता है , जैसे की टूथ पेस्ट
जैसे की मैंने पहले कहा है की यह पृथ्वी के गर्भ में पाया जाता है, कुछ इलाको के ग्राउंड वाटर में इसकी मात्रा बहोत ही ज्यादा पायी जाती है, और ऐसे पानी का इस्तेमाल पिने के लिए करने से शरीर में फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा हो सकती है, जिसके कारन कई तरह की बीमारिया पैदा होती है जिसे फ्लोरोसिस कहते है, इसमें दांतों का पीलापन, हड्डियों में कमजोरी आती है।
पानी में इसकी तय मात्रा - १ मिली ग्राम / ली. है
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अगर आपके गाँव में कोई फ्लोराइड से प्रभावित हैं, या आसपास किसी को जानते हैं तो कृपया संपर्क करें | फ्लोराइड प्रभावितों के दांतों में लाल या काले धब्बे से लेकर हड्डियों के कमज़ोर होने के लक्षण देखें जा सकते है | ये ज़्यादातर गाँवों में रहें वालों को ज्यादा प्रभावित करता है जो भू-जल पर अपने पेय-जल के लिए निर्भर रहते है |
अगर आप किसी ऐसे गांव को जानते है तो मुझे निचे दिए कमेंट बॉक्स से संपर्क करे, मैं आपका मुद्दा मेरे दोस्त की संस्था तक पहुंचाऊंगा, हो सकता है की जल्द ही मदद मिल जाये ।
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