दोस्तों,
आप सभी को दिवाली की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं !
दिवाली जैस त्यौहार और मौज मजा न हो ऐसा हो नहीं सकता।
हम हर तरह से दिवाली को खूबसूरत तरीके से मनाने की कोशीश करते है, जिसमे हम रंग रोगन, घर सजावट करते है, और मिठाई, पटाखे ये सब का लुत्फ़ उठाते है।
पर जरा सावधान हो जाईये क्योंकि पटाखों से तो पर्यावण प्रदूषित होता ही है और हमारी सेहत भी ख़राब हो सकती है। उसी तरह मिठाई में भी मिलावट हो सकती है।
दोस्तों हम कितनी भी कोशिश लेकिन दोनों मामलो में हम अपने आप को रोक नहीं सकते है।
तो क्या हम इससे बच सकते है, जवाब देना जरा मुश्किल है, लेकिन कोशिश तो कर ही सकते है
तो जब हम पटाखे ख़रीदे तो बहोत ज्यादा आवाज वाले और बहोत धुंआ करने वाले पठाखे न ख़रीदे तो अच्छा है,
जैसे अनार, चक्कर, फुलझड़िया, यह अगर बड़े आकर के है तो जाहि है इसमें बारूद भी ज्यादा होगा, ज्यादा समय तक चलेगा तो इसमें से धुंआ भी ज्यादा निकलेगा, जो की अस्थमा वाले मरीजो के लिए एक बही बड़ा खतरा हो सकता है। तो अगर ऐसे पठाखे ख़रीदना ही है तो छोटे आकर वाले खरीदने चाहिए और खुले मैदान में जलाया जाये और अस्थमा, जिनको साँस लेने की बीमारी है, छोटे बछो आदि को इस वातावरण से दूर रखे।
फुलझड़ियों के मामले में जो बारूद के रंग वाली होती है, उसे ही खरीदना चाहिए क्योकिं रंगीन वाली फुलझड़ियो से बहोत ही ज्यादा धुंआ फैलाता है और ये छोटे बच्चो के लिए काफी हानिकारक हो सकता है, इससे आखो में जलन और साँस की भी तकलीफ हो सकती है, लेकिन बारूद के रंग वाली फुलझड़िया थोड़ी ठीक होती है और मजेदार भी होती है।
जैसे पठाखो से सेहत ख़राब हो सकती है वैसे ही मिठाई से भी मामला बिगड़ सकता है।
मिठाईयो की मांग को देखते हुए और उसकी पूर्ति करने हेतु काफी ज्यादा मात्रा में दूध में मिलावट की संभावना होती है, इससे पहचानना और बचना लगभग मुश्किल है, ऐसे में जो आपके जानने वाले मिठाई वाले है या जो बहोत ही नामचीन मिठाई वाले उनसे ही मिठाई ख़रीदे।
तो दोस्तों मैं आशा करता हु की इस बार की आपकी दिवाली खुशियो भरी और और सेहतमंद हों।
धन्यवाद् !
आपका दोस्त,
डॉ. प्रशांत राजनकर
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